चिंतन पालतू होकर आका बदलते रहें April 29, 2012 / April 29, 2012 by डॉ. दीपक आचार्य | Leave a Comment डॉ. दीपक आचार्य मस्ती चाहें तो स्वाभिमान से रहें वरना पालतु होकर आका बदलते रहें जीवन का सबसे बड़ा दर्शन है आनंद से जीवनयापन और मानवीय लक्ष्यों की पूर्णता। इसके लिए विभिन्न मार्ग हैं जिन पर चलकर आनंदमय जीवन जीया जा सकता है। एक मार्ग परम्परा से चला आ रहा है और वह है ईश्वरीय […] Read more » पालतु होकर आका बदलते रहें स्वाभिमान से रहें