विविधा हिंदी प्रचार-प्रसार : एक कड़वा सच June 24, 2014 by बी एन गोयल | 3 Comments on हिंदी प्रचार-प्रसार : एक कड़वा सच -बीएन गोयल- प्रवक्ता में प्रकाशित डॉ. मधुसूदन के लेख और उस पर हुई प्रतिक्रिया स्वरूप डॉ. महावीर शरण जैन की टिप्पणी हिंदी के प्रचार प्रसार के सन्दर्भ में अत्यधिक प्रासंगिक है। यह एक प्रकार से दो विद्वानों के बीच एक साहित्यिक शास्त्रार्थ है। इसी दौरान भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने अपना काम काज हिंदी […] Read more » भाषा हिंदी प्रचार हिन्दी हिन्दी प्रसार हिन्दी भाषा