कविता अबकी बार दीए ऐसे जलाना November 12, 2020 / November 12, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment अबकी बार दीए ऐसे जलाना,जिससे देश में खुशहाली हो। मिट्टी के दीए तुम जलना सबइससे गरीब परिवार पलते है।कीट पतंग मच्छर आदि सभी,तेल के दीए से ही जलते हैं।मत लाना तुम चाइना के दीए,इससे देश का धन बाहर जाता है।वोकल से तुम लोकल बनना,इससे ही देश में आनंद आता है।यह देश तुम्हारा बगीचा हैं,तुम इस […] Read more » अबकी बार दीए ऐसे जलाना