कविता आओ मनायें ऐसे होली February 12, 2014 by विमलेश बंसल 'आर्या' | Leave a Comment -होली पर विशेष- गली-गली और नगर-नगर में आर्यों की बन निकले टोली। सबको वैदिक रंग में रंगकर आओ हम सब खेलें होली॥ 1. खुश्बू के शीतल चंदन से, हर मस्तक पर रंगकर रोली। प्यार प्रीति की रीति निभाकर, चलें साथ बनकर हमजोली॥ 2. घृणा, द्वेष, नफरत को मिटाकर, रूठों को भी आज मनाकर। बाहों में […] Read more » Poem on Holi आओ मनायें ऐसे होली