कविता दमन की हवा से ही इक दिन… May 2, 2014 by जावेद उस्मानी | Leave a Comment -जावेद उस्मानी- दमन की हवा से ही इक दिन, दहकेंगे श्रम के शोले! हक़ के अंगार से, दफनाये जायेंगे शोषण के गोले! अब भी सुन लो शोषकों, बर्के जिहिंद क्या बोले! इक कौंध में लपक लेने को, अंजाम खड़ा मुंह खोले! वे अपने दम पर लड़ते आये हैं, ताक़तवर से हर युग में! मगर ज़माना […] Read more » poem poem on hope आशा पर कविता कविता