धर्म-अध्यात्म ऋषि कणाद का वैशेषिक दर्शन November 13, 2014 / November 13, 2014 by महावीर शर्मा | 1 Comment on ऋषि कणाद का वैशेषिक दर्शन महावीर शर्मा प्राचीन भारत का वैदिक साहित्य इतना व्यापक है कि किसी भी वेदपाठी या वेदज्ञानी के लिए उन्हें पूरी तरह समझना और स्मरण रखना कठिन कार्य है। वेदों में ईश्वर या परम ब्रह्म के बारे में और सृष्टि की उत्पत्ति के बारे में काफी कुछ कहा गया है। इनमें दर्शन एवं विश्व-विज्ञान निहित है। […] Read more » ऋषि कणाद का वैशेषिक दर्शन