कविता ए. आर. अल्वी की कविता: गांधी की आवाज़ January 29, 2010 / December 25, 2011 by ए. आर. अल्वी | Leave a Comment फिर किसी आवाज़ ने इस बार पुकारा मुझको खौफ़ और दर्द ने क्योंकर यूं झिंझोड़ा मुझको मैं तो सोया हुआ था ख़ाक के उस बिस्तर पर जिस पर हर जिस्म नयीं ज़िन्दगी ले लेता है बस ख़्यालों में नहीं अस्ल में सो लेता है आंख खुलते ही एक मौत का मातम देखा अपने ही शहर […] Read more » Mahatma Gandhi ए. आर. अल्वी कविता गांधी की आवाज़ महात्मा गांधी