व्यंग्य साहित्य पी ले, पी ले, ओ मोरी जनता September 27, 2015 by रवि श्रीवास्तव | 2 Comments on पी ले, पी ले, ओ मोरी जनता देश के युवाओं में नशा का दौर लगातार बढ़ता जा रहा है. किसी को शौक है तो कोई इसका आदी बन चुका है. छोटी खुशी हो या बड़ी बस बहाना चाहिए पार्टी करने का. चलो पार्टी करते है और जाम छलकाते है. गिलास को टकराकर चेयर्स करते हैं. और टल्ली होकर हंगामा. वाह क्या खूबी […] Read more » ओ मोरी जनता पी ले