कला-संस्कृति कला समीक्षा: और अब मोहतरमा January 7, 2010 / December 25, 2011 by निधि सक्सेना | 6 Comments on कला समीक्षा: और अब मोहतरमा स्त्री केंद्रित चित्र, पुरुष चित्रकार और स्त्री कलाकार की समीक्षा-दृष्टि कला किसके लिए! इसके हज़ारों जवाब हैं, लेकिन मुकम्मल कोई नहीं, शायद इसीलिए ये सवाल अब तक मौजूं है। क्या कला इंसान के लिए, उसकी तक़लीफ़ बयां करने के लिए है? या रसना-नयन तृप्ति के लिए है…विलास का साधन है…? कला को लेकर विमर्श की […] Read more » Kala Review अडिग कला समीक्षा