लेख शब्द January 1, 2018 by राजेश करमहे | Leave a Comment काल “कलयति संख्याति सर्वान् पदार्थान् स कालः।” [जो जगत् के सब पदार्थो और जीवों को आगे बढ़ने को बाध्य करता है और उनकी संख्या (आयु) करता है, वही काल है।] ‘कल संख्याने’ धातु में ‘अच’ प्रत्यय करने से ‘काल’ शब्द बनता है। ‘कल’ का दो अर्थ है – १. गिनना या गिनती करना और २. […] Read more » काल