व्यंग्य हास्य-व्यंग्य : काल के गाल में अकाल November 17, 2010 / December 19, 2011 by पंडित सुरेश नीरव | 1 Comment on हास्य-व्यंग्य : काल के गाल में अकाल स्कूली दिनों में मास्साब ने घौंटा लगवा के याद करवाया था कि काल तीन तरह के होते हैं- भूतकाल,वर्तमानकाल और भविष्यकाल। सोचता हूं कि काल का कितना अकाल था उन दिनों। बस ले-देकर टिटरूंटू बस तीन ही काल। बस इनी के टेंटू लगाकर घूमो। प्रातःकाल,सांयकाल और रात्रिकाल बस सिर्फ और सिर्फ तीन ही काल। आज […] Read more » starvation काल के गाल में अकाल