कविता ‘मुल्क हिंदुस्तान हूँ….’ May 9, 2018 by कुलदीप प्रजापति | Leave a Comment कुलदीप विद्यार्थी झाड़ियों पर वस्त्र, लोहित देह से हेरान हूँ, कल मैं कब्रिस्तान था औ’ आज मैं शमशान हूँ। कौनसी वहसत भरी हैं आपके मस्तिष्क में, पाँव पर कल ही चली मैं, एक नन्हीं जान हूँ। नोच लूँगा मैं हवस में बाग की कलियाँ सभी, मत कहो इंसान मुझको, मैं तो बस शैतान हूँ। हैं […] Read more » 'मुल्क ईमान कागज कुंठित व लुंठित झाड़ियों हिंदुस्तान