कविता बच्चों का पन्ना कुक्कू मुर्गा February 10, 2020 / February 10, 2020 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment कुक्कू मुर्गा बड़ी जोर से, कुकड़ूँ कूँ चिल्लाया। सूरज बोला ,अब मत चिल्ला, में जल्दी ही आया। लेकिन प्यारे कुक्कू भाई, नहीं समझ में आया। तू अपने मालिक को अब तक, नहीं जगा क्यों पाया? रोज -रोज चिल्ला चिल्लाकर, मुझे बुला तू लेता। पर तेरी कुकड़ूँ कूँ को अब, कौन तब्बजो देता। मैं तो हर […] Read more » कुक्कू मुर्गा