Skip to content Skip to footer
प्रवक्‍ता.कॉम – Pravakta.Com Logo
Menu
  • राजनीति
    • चुनाव
    • लोकसभा चुनाव
    • विधानसभा चुनाव
    • घोषणा-पत्र
    • चुनाव विश्‍लेषण
    • आंकडे
  • विश्ववार्ता
  • मनोरंजन
    • मनोरंजन
    • रेडियो
    • टेलिविज़न
    • सिनेमा
    • संगीत
    • खेल जगत
    • चुटकुले
    • कार्टून
  • मीडिया
  • साहित्‍य
    • लेख
    • कहानी
    • कविता
    • गजल
    • आलोचना
    • व्यंग्य
    • पुस्तक समीक्षा
  • विविधा
  • साक्षात्‍कार
  • न्यूज़
  • अन्य
    • आर्थिकी
    • समाज
    • कला-संस्कृति
    • धर्म-अध्यात्म
    • महिला-जगत
    • बच्चों का पन्ना
    • विधि-कानून
    • हिंद स्‍वराज
    • सार्थक पहल
    • खेत-खलिहान
    • जन-जागरण
    • विज्ञान
    • स्‍वास्‍थ्‍य-योग
    • सैर-सपाटा
    • खान-पान
    • वीडियो
    • वीडियो
    • पोल Archive

Tag: क्यों खेलती है यह ज़िन्दगी

कविता

क्यों खेलती है यह ज़िन्दगी

December 14, 2015 by लक्ष्मी जायसवाल | Leave a Comment

कभी इन आँखों में नींद और सपने दोनों थे आज कुछ भी नहीं ज़िन्दगी ने करवट ऐसी ली कि पल में सब बदल गया। आँखों में नींद और सपने तो दूर की बात है अब शायद कोई एहसास भी नहीं बचा। बचा है तो सिर्फ दर्द कुछ उलझनें और एक सवाल कि आखिर क्यों खेलती […]

Read more »

क्यों खेलती है यह ज़िन्दगी
Sidebar

Search Authors by Hindi Name

Loading...

  • हमारे बारे में
  • प्रवक्‍ता मण्डली
  • प्रवक्ता लेखक सूची
  • प्रवक्ता पर विज्ञापन
  • लेख भेजें
  • संपर्क
© 2025 प्रवक्‍ता.कॉम – Pravakta.Com