कविता क्यों दिल को रोग लगाया हमने December 26, 2014 / December 26, 2014 by लक्ष्मी जायसवाल | Leave a Comment अजब इस दिल की मुश्किल है जिसको चाहा वही दिल से दूर है। हमसफ़र के होते हुए भी ज़िन्दगी की राहों में आज भी सिर्फ तन्हाई है। तन्हाई की आदत यूं तो थी पहले भी पर न जाने क्यों आज इस तन्हाई ने दिल में कैसी पीर उठाई है। शिकवा नहीं हमें किसी से भी […] Read more » क्यों दिल को रोग लगाया हमने