बच्चों का पन्ना खुला पुस्तकालय जंगल में December 15, 2012 / December 15, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment बालवाटिका पढ़ पढ़कर, कालू बंदर हो गये विद्वान| इसी बात का हाथीजी ने ,शेर चचा का खींचा ध्यान| देखो तो यह कालू बंदर, पढ़ लिखकर हो गया महान| हम तो मात्र हिलाते रह गये ,अपने पूँछ गला और कान| बाल वटिका बुलवाने का ,खुलकर किया गया एलान| शाल ओढ़ाकर बंदरजी का, किया गोष्ठी में सम्मान| […] Read more » खुला पुस्तकालय जंगल में