खेत-खलिहान खेती-बाड़ी और बोलीभाषा October 1, 2011 / December 6, 2011 by क्षेत्रपाल शर्मा | 2 Comments on खेती-बाड़ी और बोलीभाषा क्षेत्रपाल शर्मा खेतीबाड़ी …… सुर्खरू होता है इन्सां ठोकरें खाने के बाद रंग देती है हिना पत्थर पे घिस जाने के बाद बहुत समय पहले मैंने प्रोफ़ेसर अली मोहम्मद खुसरो साहब का एक लेख पढा था जिसमें खासतौर पर मैं जो समझ पाया उसमें दो बात बेहद महत्वपूर्ण थीं पहली यह कि कृषि जमीन उतनी […] Read more » language खेतीबाड़ी भाषा