गजल गजल-सत्येन्द्र गुप्ता December 28, 2011 / December 28, 2011 by सत्येन्द्र गुप्ता | 2 Comments on गजल-सत्येन्द्र गुप्ता मेले कीमुलाक़ात नहीं होती जल्दी में कभी दिल से कोई बात नहीं होती। वो जो हो जाती है जेठ के महीने में बरसात वो मौसमे -बरसात नहीं होती। चुराते दिल को तो होती बात कुछ और नज़रें चुराना यार कोई बात नहीं होती। डर लगने लगता है मुझे खुद से उस घडी पहरों जब उन […] Read more » gazal Satyendra Gupta गजल-सत्येन्द्र गुप्ता