विविधा विचारों की सान पर गांधी का मूल्यांकन October 2, 2012 by सिद्धार्थ मिश्र “स्वतंत्र” | Leave a Comment सिद्धार्थ मिश्र‘स्वतंत्र’ सुबह सवेरे एक गीत ने ‘साथी मुबारक तुम्हे हो जश्न ये जीत का,पर इतना याद रहे एक साथी और भी था’ ने मुझे राम प्रसाद बिस्मिल की ये पंक्तियां याद दिला दी । शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा । सोचता हूं किस […] Read more » गांधी का मूल्यांकन