व्यंग्य साहित्य नेता जी कहिन, अबकी बार, गाय हमार, October 20, 2015 by रवि श्रीवास्तव | Leave a Comment देश में एक मौसम सदाबहार रहता हैं. जाने का नाम ही नही लेता है. वो है चुनावी मौसम. कभी इस राज्य में तो कभी उस राज्य में. जहां भी ये मौसम शुरू होता है. वहां तो जैसे चार चांद लग जाते हैं.गली मोहल्लों में चहल-पहल बहुत बढ़ जाती है. चाय की दुकानों पर दो चुस्की […] Read more » अबकी बार गाय हमार नेता जी कहिन