कविता भजन: गुरु का सहारा May 19, 2025 / May 19, 2025 by नन्द किशोर पौरुष | Leave a Comment ruguruतर्ज: एक तेरा साथ हमको दो जहाँ से _ दोहा: गुरु बिन भव निधि तरहिं न कोई,जो विरंच शंकर सम होई। मु: थाम लो गुरुवर हाथ, आसरा तुम्हारा है।एक साधक ने पुकारा है, तेरा ही सहारा है।।थाम लो गुरुवर हाथ __ अंत १: दे दिया है हाथ, अब तेरे हाथों में हमने अपना।तुमने ही बतलाया […] Read more » गुरु का सहारा