व्यंग्य साहित्य चने के पेड़ पे…!! April 28, 2016 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा दुनिया में कई चीजें दिखाई पहले पड़ती है , लेकिन समझ बाद में आती है। बचपन में गांव जाने पर चने के पेड़ तो खूब देखे। लेकिन इस पर चढ़ने या चढ़ाने का मतलब बड़ी देर से समझ आया।इसी तरह हेलीकाप्टर से घूम – घूम कर जनसभा को संबोधित करने , राजप्रसाद […] Read more » चने के पेड़