कविता चलना जीवन सार !! November 29, 2020 / November 29, 2020 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment समय सिंधु में क्या पता, डूबे; उतरे पार !छोटी-सी ये ज़िंदगी, तिनके-सी लाचार !! पिंजड़े के पंछी उड़े, करते हम बस शोक !जाने वाला जायेगा, कौन सके है रोक !! पथ के शूलों से डरे, यदि राही के पाँव !कैसे पहुंचेगा भला, वह प्रियतम के गाँव !! रुको नहीं चलते रहो, जीवन है संघर्ष !नीलकंठ […] Read more » चलना जीवन सार