कहानी चापलूसी November 13, 2014 / November 15, 2014 by रवि श्रीवास्तव | Leave a Comment अशोक अपनी मेहनत और हुनर के बल पर आज उस मुकाम पर है जिसकी दूसरे लोग कल्पना भी नही कर सकते है। सुबह के करीब दस बज रहे थे। अशोक अभी अपने कमरे में सो रहा था। टेलीफोन की घण्टी काफी देर से बज रही थी। अशोक के नौकर मोहन ने फोन उठाया। दूसरी तरफ […] Read more » चापलूसी