कविता बच्चों का पन्ना साहित्य छूना है सूरज के कान February 13, 2020 / February 13, 2020 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment तीन साल के गुल्लू राजा, हैं कितने दिलदार दबंग। जब रोना चालू करते हैं, रोते रहते बुक्का फाड़। उन्हें देखकर मुस्काते हैं, आँगन के पौधे और झाड़। जब मरजी कपड़ों में रहते, जब जी चाहे रहें निहंग। नहीं चाँद से डरते हैं वे, तारों की तो क्या औकात। डाँट डपट कर कह देते हैं, नहीं […] Read more » छूना है सूरज के कान