कविता जिसने उसका चीर हरण किया,उसी को मित्र बनाया है January 22, 2019 / January 23, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment जिसने उसका चीर हरण किया,उसी को मित्र बनाया है डूब मरो चुल्लू भर पानी में,उसको जरा शर्म न हाया है जो अपना सम्मान न बचा सकी,औरो का क्या बचायेगी सत्ता की लोलुपता के कारण, अपना सब कुछ गवायेगी गेस्ट हाउस की घटना को,कुर्सी के लिये उसने भुला दिया जिन हाथो ने अपमान किया था,उन्ही हाथो […] Read more » जिसने उसका चीर हरण किया