व्यंग्य व्यंग्य बाण : डंडा सैल May 28, 2013 / May 28, 2013 by विजय कुमार | Leave a Comment परसों शर्मा जी बहुत दिन बाद मिलने आये, तो उनकी सूजी हुई आंखों से दुख टपक रहा था। चेहरे से ऐसा लग रहा था मानो सगे पिताजी चल बसे हों। इतना परेशान तो मैंने उन्हें पिछले 25 साल में कभी नहीं देखा था। फिर आज… ? – क्या हुआ शर्मा जी, कुछ तो बताओ। बड़ों […] Read more » डंडा सैल व्यंग्य बाण : डंडा सैल