कविता साहित्य
तेरी आँखों में कहीं, खो गए हैं, जागती आँखों में, सो गए हैं।
by रवि श्रीवास्तव
देखकर तुझको मुझे, कुछ ऐसा लगा। बात दिल की तुझसे, मैं कह न सका। आसमां से जैसे ,कोई उतरी हो परी। मेरी धड़कन में बसी, तेरी तस्वीर अधूरी। चलती है जब तू, दिल में उठती है लहर, रूका,रूका सा दिखे, मुझे पूरा तो शहर। पूरी महफिल है यहां, फिर भी बेगाने से […]
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