कविता
दर्द से लड़ते चलो
/ by डॉ. सत्यवान सौरभ
(आत्महत्या जैसे विचारों से जूझते मन के लिए) ज़िंदगी जब करे सवाल,और उत्तर न मिले हर हाल,तब भी तुम थक कर बैठो नहीं,आँखों में आँसू हो, पर बहो नहीं। देखा है मैंने अस्पतालों में,साँसों को बचाने की जंग में,कोई ज़मीन बेचता है,कोई गहने गिरवी रखता है।जीवन को जीने की कीमत,हर दिन वहाँ कोई चुकाता है। […]
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