कविता एक नई मुलाकात October 5, 2018 by अभिलेख यादव | Leave a Comment मैं जब भी फरोलता हूँ अलमारी में रखे अपने जरूरी कागजात तो सामने आ ही जाती है एक चिट्ठी जो भेजी थी वर्षों पहले मेरे दिल के महरम ने भले ही उससे मुलाकात हुए हो गए वर्षों पर चिट्ठी करा देती है अहसास एक नई मुलाकात का -विनोद सिल्ला Read more » अलमारी एक नई मुलाकात चिट्ठी दिल
विविधा दिल टूटे तो…/ स्वेता सिंह November 2, 2011 / December 5, 2011 by श्वेता सिंह | 3 Comments on दिल टूटे तो…/ स्वेता सिंह क्या कहूं ? सुना था जब किसी का दिल टूटता है तो वो कवि बन जाता है। कालीदास की कविताओं पर भी नागार्जुन ने कहा है…कालीदास सच सच बतलाना तुम रोये थे या रति रोयी थी। आपने भी सुनी होगी वो कविता….वियोगी होगा पहला कवि आह से निकला होगा गान…ये सारी वो बाते हैं…जो एक […] Read more » dil दिल