Tag: धारा-३७०

राजनीति

लोकतन्त्र की हत्या करने पर उतारू भीड़तन्त्र

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कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल  भारत की स्वतन्त्रता एवं संविधान लागू होने के पश्चात हमारे पुरखों ने यह कभी नहीं सोचा रहा होगा कि -जिन उद्देश्यों को लेकर भारतवर्ष की शासन व्यवस्था को संवैधानिक शक्तियाँ तथा नागरिकों को अपने मत विचार, अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए मौलिक अधिकारों एवं कर्त्तव्यों की बागडोर […]

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