कहानी साहित्य नया विश्वास February 23, 2016 by विजय कुमार | 1 Comment on नया विश्वास मोहन के पांव आज धरती पर नहीं पड़ रहे थे। दिल्ली से प्रकाशित होने वाली एक प्रतिष्ठित पत्रिका में उसकी कहानी छपी थी। पत्रिका की ओर से स्वीकृति का पत्र तो दो माह पहले ही आ गया था; पर तब उसने किसी से इसकी चर्चा नहीं की। वस्तुतः वह सबको ‘सरप्राइज’ देना चाहता था। कई […] Read more » नया विश्वास