कविता साहित्य न आयीं तू मेरे सपनों में , न आयीं तू मेरे नगमों में July 4, 2013 by लक्ष्मी नारायण लहरे कोसीर पत्रकार | Leave a Comment जलता रहा मैं दीपक बनकर ……… न जाने किस विश्वास पर दिन -रात मैं राह तकता रहा जलता रहा मैं दीपक बनकर ………. पर न आयीं तुम हवाएं बनकर जल गये मेरे अरमा सारे मन कि अगन प्यास बनकर रह गयी तन भी मेरे साथ न दिया मिट गये सपने सारे जल गये लम्हें प्यारे […] Read more » न आयीं तू मेरे नगमों में न आयीं तू मेरे सपनों में