व्यंग्य साहित्य पब्लिक अॉन डय़ूटी … !! December 2, 2017 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा बैंक में एक कुर्सी के सामने लंबी कतार लगी है। हालांकि बाबू अपनी सीट पर नहीं है। हर कोई घबराया नजर आ रहा है। हर हाथ में तरह – तरह के कागजों का पुलिंदा है। किसी को दफ्तर जाने की जल्दी है तो कोई बच्चे को लेने स्कूल जाने को बेचैन है। […] Read more » पब्लिक अॉन डय़ूटी