कविता पागल लड़की April 12, 2021 / April 12, 2021 by मंजुल सिंह | Leave a Comment तुम चीजों कोढूंढ़ने के लिए रोशनी काइस्तेमाल करती होऔर वो गाँव की पागल लड़कीचिट्ठी कावो लिपती हैनीले आसमान कोऔर बिछा लेती हैधूप को जमीन पर वो अक्सर चाँद को सजा देती हैरात भर जागने कीवो बनावटी मुस्कान लिए,नाचती हैजब धानुक बजा रहे होते है मृदंग वो निकालती है कुतिया का दूधइतनी शांति से की बुद्ध […] Read more » पागल लड़की