समाज पास से दूर, दूर के पास…! December 28, 2014 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा अंकल सीरियस … कम शून…। भैया बीमार – चले आओ…। टेलीफोन, मोबाइल व इंटरनेट से वंचित उस दौर में तब अपनों को याद करने का एक ही जरिया होता था टेलीग्राम । जिसका पाने वालों पर बड़ा मारक असर होता था। इसके आते ही प्राप्तकर्ता के घर में सनसनी फैल जाती […] Read more » पास से दूर