धर्म-अध्यात्म ‘‘श्रद्धा भाव है श्राद्ध’’ September 25, 2011 / December 6, 2011 by डॉ. सौरभ मालवीय | 4 Comments on ‘‘श्रद्धा भाव है श्राद्ध’’ सौरभ मालवीय पितर हमारे किसी भी कार्य में अदृश्य रूप से सहायक की भूमिका अदा करते। क्योंकि अन्ततः हम उन्हीं के तो वंशज हैं। ज्योतिष विज्ञान की मान्यता के अनुसार वे हमारे सभी गतिविधियों पर अपनी अतिन्द्रीय सामर्थ के अनुसार निगाह रखे रहते हैं। यदि हम अपना भाव भावात्मक लगाव उनसे जोड़ सके तो वे […] Read more » पित़पक्ष पितृपक्ष श्राद्ध