कविता पिया की प्रतीक्षा में जगती रही July 10, 2018 / July 10, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment पिया की प्रतीक्षा में जगती रही रात भर करवटे बदलती रही स्वप्न भी हो गये अब स्वप्न जैसे कोई हो गया हो दफन कब आओगे मेरे प्यारे सजन ? पूछ रहे है ये मेरे भीगे नयन मन मेरा रात भर मचलता रहा तन मेरा अग्न से जलता रहा ये अग्न कैसे बुझेगी सनम ? ये […] Read more » अब तो दिन में पिया की प्रतीक्षा में जगती रही बैचेन होने लगी हूँ रोते रोते सूज