कविता बुढापा August 2, 2018 / August 2, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment बहुतो ने भुला दिया मुझे गिला नहीं उनसे कोई मुझे पर अपने ही भुला देते जब मुझे सोचने को मजबूर कर देते है मुझे जीवन का अंतिम पड़ाव है ये काटे से कटता अब नहीं है ये जीवन में मुश्किलें आई तो बहुत आसानी से काट ली थी तब वे जिनको चलना सिखाया था मैंने […] Read more » अंतिम पड़ाव अँधेरा दिखा जीवन पैसे दवाई बुढापा