व्यंग्य प्रीतिभोज से पार्टी तक….!! February 4, 2015 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा कोई भी एेसा मौका जिसके तहत दस लोगों को दरवाजे बुलाना पड़े, पता नहीं क्यों मुझमें अजीब सी घबराहट पैदा कर देती है। कुछ साल पहले छोटे भाई की शादी में न चाहते हुए भी हमें आयोजित भोज का अगुवा बनना पड़ा। अनुभवहीन होने के चलते डरते – डरते इष्ट – […] Read more » प्रीतिभोज से पार्टी तक