कविता स्वतंत्रता दिवस पर एक नारी की पीड़ा August 14, 2018 / August 14, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment 71 वर्ष हो गये आजादी के,पर मैं अभी आजाद नहीं दर दर ठोकरे खाती हूँ,पर कही मैं अभी आबाद नहीं बचपन में पिता,जवानी में पति,बुढापे में पुत्र के आधीन रही कैसा बीता मेरा ये जीवन, क्या किसी को यहाँ मालूम नहीं बाहर निकल कर नहीं सुरक्षित,घर में भी मैं सुरक्षित नहीं कैसे है मेरा असुरक्षित […] Read more » जवानी में पति नारी देवी बचपन में पिता बुढापे में पुत्र के आधीन रही स्वतन्त्रता दिवस