कविता बस करो बस की सियासत को । May 20, 2020 / May 20, 2020 by आर के रस्तोगी | 2 Comments on बस करो बस की सियासत को । बस करो बस की सियासत को,और न बढ़ाओ इस आफत को।मजदूर पहले से ही परेशान है,और न कम करो उसकी हिम्मत को।। बेबस था पहले ही बेचारा मजदूर,और न करो तुम उसको मजबूर।पहले तो उसकी रोजी रोटी छीनी,अब वह पैदल चलने पर मजबूर।। मजदूर वाकिफ था तुम्हारे कारनामों से,तुम मशगूल थे केवल रिश्वत खाने में।तुम्हे […] Read more » stop the politics of buses amid corona lockdown बस करो बस की सियासत को ।