कविता बच्चों का पन्ना
बातों का बाजार गरम है
/ by प्रभुदयाल श्रीवास्तव
पर्यावरण प्रदूषण की अब,बातों का बाजार गरम है। हम-तुम-सबको, बात पता हैपर्यावरण प्रदूषण फैला।जल- जंगल -जमीन अब मैली,वातावरण हुआ है मैला।बिना रुके फिर भी धरती परढाया जाता रोज सितम है। चौपहिया,दो पहिया वाहन,बने प्रदूषण के हरकारे।मिलें,कलें भी बाँट रहे हैं,नभ में जहरीले गुब्बारे।पर्यावरण प्रदूषण होगा,बोलो कब! क्या !कभी खतम है? विज्ञापन, अखवारों वाले,पर्यावरण बचाते दिखते।मिटे […]
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