व्यंग्य साहित्य इंशा अल्लाह अब मेरे नाम के आगे भी लिखा जाएगा ‘‘बाबाजी का ठुल्लू एवार्ड प्राप्त’’ July 5, 2017 by डॉ. भूपेंद्र सिंह गर्गवंशी | Leave a Comment आज सुलेमान काफी संजीदा लग रहा था। मेरे लेखन कक्ष में सामने बैठा पता नहीं कुछ सोच रहा था, मैंने उसे डिस्टर्ब करना भी उचित नहीं समझा था। वह सोच रहा था और मैं लिख रहा था। कुछ देर उपरान्त वह बोल पड़ा- भाई कलमघसीट अब देर मत करो- ऐक्शन में आवो वर्ना……..कुछ हासिल नहीं […] Read more » बाबाजी का ठुल्लू एवार्ड प्राप्त