कविता
बूँद-बूँद में सीख
/ by डॉ. सत्यवान सौरभ
●●●इस धरती पर हैं बहुत, पानी के भंडार।पीने को फिर भी नहीं, बहुत बड़ी है मार॥●●●जल से जीवन है जुड़ा, बूँद-बूँद में सीख।नहीं बचा तो मानिये, मच जाएगी चीख॥●●●अगर बचानी ज़िंदगी, करें आज संकल्प।जल का जग में है नहीं, कोई और विकल्प॥●●●धूप नहीं, छाया नहीं, सूखे जल भंडार।साँसे गिरवी हो गई, हवा बिके बाज़ार॥●●●आये दिन […]
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