व्यंग्य साहित्य बेवकूफी का तमाशा April 3, 2017 by आरिफा एविस | 2 Comments on बेवकूफी का तमाशा अरे जमूरे ! आजकल के बुद्धिजीवी और लेखक भी तो लोगों का अप्रैल फूल बनाते हैं. ऐसे मुद्दों पर लिखते और ऐसे विषयों पर चर्चा करते हैं जिसका अवाम से कुछ भी लेना देना नहीं होता.लेकिन अपना स्वार्थ सिद्ध जरूर पूरा हो जाये अवाम पर लिखकर . अरे भाई अगर उनको अवाम के बारे में सोचना ही होता तो वो बुद्धिजीवी ही क्यों कहलाते, बुद्धिजीवी सिर्फ विमर्श करते, फर्श पर कुछ नहीं करते.' Read more » बेवकूफी का तमाशा