कविता भारत एक बड़ा बाज़ार बन गया है June 3, 2013 / June 3, 2013 by ऋतु राय | 1 Comment on भारत एक बड़ा बाज़ार बन गया है भारत एक बड़ा बाज़ार बन गया है बिकने लगा सब कुछ विदेशी हाथों का औज़ार बन गया है इंसान बिक गया, ईमान बिक गया घर में रखा साजों-सामान बिक गया विचार बिक गया समाचार बिक गया आदमी की भीतर से बाहर तक शिष्टाचार बिक गया अब खिलौनों की क्या बात करे ना रहा दम-ख़म खेल […] Read more » भारत एक बड़ा बाज़ार बन गया है