दोहे साहित्य मँहगी रोटी – सस्ती कार June 8, 2013 / June 8, 2013 by श्यामल सुमन | Leave a Comment सोने की चिड़िया कभी, अपना भारत देश। अब के जो हालात हैं, सुमन हृदय में क्लेश।। मँहगी रोटी हो रही, लेकिन सस्ती कार। यही प्रगित की माप है, समझाती सरकार।। भूखे हैं बहुजन यहाँ, उनके छत आकाश। संकट में सब खो रहे, जीने का विश्वास।। देख क्रिकेटर को मिले, रुपये कई करोड़। […] Read more » मँहगी रोटी - सस्ती कार