कविता
मंगल हो नववर्ष
/ by डॉ. सत्यवान सौरभ
मिटे सभी की दूरियाँ, रहे न अब तकरार।नया साल जोड़े रहे, सभी दिलों के तार।। बाँट रहे शुभकामना, मंगल हो नववर्ष।आनंद उत्कर्ष बढ़े, हर चेहरे हो हर्ष।। माफ करो गलती सभी, रहे न मन पर धूल।महक उठे सारी दिशा, खिले प्रेम के फूल।। छोटी सी है जिंदगी, बैर भुलाये मीत।नई भोर का स्वागतम, प्रेम बढ़ाये […]
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