गजल मचलती तमन्नाओं ने December 14, 2018 / December 14, 2018 by अभिलेख यादव | Leave a Comment डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ मचलती तमन्नाओं ने आज़माया भी होगा बदलती रुत में ये अक्स शरमाया भी होगा पलट के मिलेंगे अब भी रूठ जाने के बाद लड़ते रहे पर प्यार कहीं छुपाया भी होगा अंजाम-ए-वफ़ा हसीं हो यही दुआ माँगी थी इन जज़्बातों ने एहसास जगाया भी होगा सोचना बेकार जाता रहा बेवजह के शोर में तुम […] Read more » मचलती तमन्नाओं ने